A2Z सभी खबर सभी जिले की

बर्खास्त अनुसेवकों ने समायोजन के लिए दूसरे दिन भी दिया धरना , इच्छामृत्यु मांगी

बर्खास्त अनुसेवकों ने समायोजन के लिए दूसरे दिन भी दिया धरना , इच्छामृत्यु मांगी

झारखंड पलामू के बर्खास्त 251 अनुसेवकों ने समायोजन की मांग को लेकर दूसरे दिन गुरुवार शाम 4 बजे तक समाहरणालय परिसर में धरना किया |समायोजन के साथ –साथ सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने की अपील की |धरना के बाद अनुसेवकों ने मांगो से संबंधित एक ज्ञापन उपायुक्त समीरा एस को सौंपा |बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पिछले सात वर्षों से नौकरी कर रहे पलामू के 251 अनुसेवकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है |धरना को विकास कुमार, सुधाकर दुबे, विकास शुक्ला , कृष्णा पासवान, रेश्मी देवी, गीता देवी, सरस्वती देवी, शोभा देवी, सरिता देवी, विवेक कुमार शुक्ला, नन्दू बैठा , सूरज कुमार पासवान, श्याम कुमार, मृत्युंजय कुमार सिंह, दिनेश उरांव, चनेशवर राम ने संबोधित किया |

वक़्ताओ ने कहा कि उनका समायोजन करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर किया जाये |इसके लिए कई बार झारखंड सरकार एवं उपायुक्त पलामू से आग्रह किया गया |16 जून को धरना प्रदर्शन के माध्यम से जिला प्रशासन, मुख्य सचिव, झारखंड के मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा गया ,परंतु उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया |ऐसे में बाध्य होकर सभी बर्खास्त अनुसेवकों ने दोबारा धरना प्रदर्शन किया |इसके बाद भी उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाएगा तो आत्मदाह करेंगे , ताकि सामाजिक आर्थिक बोझ से छुटकारा मिल सके |बैंक से लोन लिए गए कर्ज चुकता नहीं कर पा रहे हैं |भूखे मरने की स्थिति में आ गए हैं |बच्चों की स्कूल फीस नहीं भर पा रहे हैं |बच्चियों की शादी रुक गई हैं |एसे में विवश हो कर तमाम उत्तरदायित्वों से छुटकारा पाने के लिए सपरिवार आत्मदाह कर लेंगे , जिसकी सारी जवाबदेही जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार की होगी |

पहले दिन बुधवार को बर्खास्त 251 अनुसेवक संघ पलामू जिला के तत्वाधान में मांगो के समर्थन में रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया था |जमकर नारे बाजी लगाए थे |आंदोलन में बड़ी संख्या में अनुसेवक शमिल रहे | समायोजन और एक मुश्त वेतन भुगतान की मांग करते हुए समाहरणालय पहुंचे थे |धरना पर बैठ गए थे |मौके पर बड़ी संख्या में बर्खास्त अनुसेवक उपस्थित थे |

Related Articles

 

पलामू ब्यूरो चीफ दिव्यांशु तिवारी जी की रिपोर्ट

Check Also
Close
Back to top button
error: Content is protected !!